ताबड़तोड़ GST , पेट्रोल से मुनाफा , टैक्स से कमाई के बावजूद मोदी सरकार मार्किट से 8 .45 लाख करोड़ रुपये कर्ज़ लेने की बात कर रही है, आखिर ये सारा पैसा जो जनता से टैक्स के नाम पे वसूला जा रहा है, जा कहाँ रहा है?
मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार 2022-23 के पहले छह महीने में उधार लेकर 8.45 लाख करोड़ रुपये जुटाना चाहती है ताकि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए राजस्व अंतर को पूरा किया जा सके।
मोदी सरकार के वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार 2022-23 के पहले छह महीने में उधार लेकर 8.45 लाख करोड़ रुपये जुटाना चाहती है ताकि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए राजस्व अंतर को पूरा किया जा सके।
क्या यही है मोदी सरकार के अच्छे दिन?
दरअसल एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित 14.31 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार उधार में से 8.45 लाख करोड़ रुपये पहली छमाही (एच 1) में उधार लेने की योजना है।
बजट दस्तावेज के अनुसार, 2022-23 के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों (dated securities) के माध्यम से सकल बाजार उधार 14,95,000 करोड़ रुपये है। 28 जनवरी, 2022 को किए गए स्विच ऑपरेशंस को ध्यान में रखते हुए, 2022-23 के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल बाजार उधार 14,31,352 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
दस्तावेज के मुताबिक यह उधार 32,000-33,000 करोड़ रुपये के 26 साप्ताहिक चरणों में पूरा हो जायेगा। इसमें आगे कहा गया है कि उधार 2, 5, 7, 10, 14, 30 और 40 साल की प्रतिभूतियों और विभिन्न अवधि के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड के तहत बाटा जाएगा।