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फ्यूचर रिटेल के किशोर बियानी ने लगाया मुकेश अंबानी पर ‘बिग बाजार’ को ज़बरदस्ती हड़पने का आरोप

किशोर बियानी अनुसार, फरवरी 2022 के अंतिम सप्ताह से, रिलायंस समूह ने एकतरफा लीस को समाप्त कर दिया है और फ्यूचर रिटेल के सैकड़ों स्टोरों पर जबरदस्ती नियंत्रण कर लिया है।

मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने कम से कम 200 फ्यूचर रिटेल स्टोरों का संचालन प्रभावी रूप से अपने हाथों में ले लिया है। वहीं, रिलायंस ने कंपनी के कर्मचारियों को नौकरी की पेशकश भी की है।

खबरों के मुताबिक़ अंबानी की रिलायंस रिटेल ने उन परिसरों पर कब्ज़ा कर लिया है, जिसमें फ्यूचर रिटेल बिग बाजार जैसे अपने स्टोरों का संचालन करता था। सिर्फ यही नहीं रिलायंस पर कब्ज़ा करने के बाद उन्हें अपने ब्रांड स्टोर के रूप बदलने का भी आरोप है। दरअसल RIL ने फ्यूचर रिटेल स्टोर्स के कर्मचारियों को नौकरी देना और उन्हें रिलायंस रिटेल के पे रोल पर लाना भी शुरू कर दिया है।

फ्यूचर रिटेल के मालिक किशोर बियानी ने रिलायंस पर लगाए बड़े आरोप

किशोर बियानी के नेतृत्व वाली फर्म ने कहा कि रिलायंस समूह की कार्रवाई उनके लिए “आश्चर्य” के रूप में आई है। रिलायंस द्वारा स्टोरों पर कब्जा करने की कार्रवाई ने कंपनी की छवि पर बुरा प्रभाव डाला है।

Kishore Biyani steps down as MD of Future Retail

फ्यूचर ग्रुप फर्म के किशोर बियानी अनुसार, फरवरी 2022 के अंतिम सप्ताह से, रिलायंस समूह ने एकतरफा लीस को समाप्त कर दिया है और फ्यूचर रिटेल के सैकड़ों स्टोरों पर जबरदस्ती नियंत्रण कर लिया है।

फ्यूचर रिटेल ने कहा कि वह रिलायंस रिटेल द्वारा अपने स्टोर के अधिग्रहण यानी कब्ज़े को वापस लेने के लिए “प्रतिबद्ध” है और मूल्य समायोजन की तलाश के लिए आवश्यक सभी कार्रवाई करेंगे।

“FRL और उसका बोर्ड रिलायंस समूह द्वारा वैल्यू एडजस्टमेंट और स्टोर (लीस) के अधिग्रहण को वापस लेने के लिए आवश्यक सभी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। FRL और उसका बोर्ड एक सही समाधान पर पहुंचने के लिए कदम उठा रहा है जो होगा सभी हितधारकों के हित में, “उन्होंने कहा।

Big Bazaar Karol Bagh New Delhi

अगस्त 2020 में रिलायंस-फ्यूचर सौदे की घोषणा के बाद कई मकान मालिकों ने रिलायंस से संपर्क किया, क्योंकि फ्यूचर रिटेल किराया नहीं चुका पा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद रिलायंस ने इन मकान मालिकों के साथ लीज समझौतों पर हस्ताक्षर किए और जहां भी संभव हुआ, इन परिसरों को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को सब-लीज पर दे दिया गया। सूत्रों के मुताबिक जिन स्टोरों को रिलायंस अपने कब्जे में ले रही है, वे घाटे में चल रहे हैं।

मुकेश अंबानी के सर पर सजा एक और धोखाधड़ी का ताज

किसी भी कंपनी की मजबूरी यानि आपदा को अवसर में बदलना मुकेश अंबानी और उनकी कंपनी को अच्छे से आता है। रिलायंस द्वारा बिग बाजार के स्टोर्स पर कब्जा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

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इसके अलावा 8 अप्रैल 2021 को Securities and Exchange Board of India (Sebi) ने मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी, अन्य व्यक्तियों और संस्थाओं पर कंपनी में दो दशक पुराने शेयर इश्यू (शेयर में हेरफेर) को लेकर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

इतने लोगों की हाय लेकर कैसे जीते है अंबानी

6.78 लाख करोड़ के नेट वर्थ, मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं। बड़ी हस्तियों द्वारा अंबानी की जितनी प्रशंसा की जाती है, वह उतने ही विभाजनकारी भी हैं। एक ओर, वह महत्वाकांक्षी और बेईमान होने के लिए जाना जाते है; दूसरी ओर, एक धार्मिक पारिवारिक व्यक्ति जो संयम का अभ्यास करता है।

शुरुवात में जिओ द्वारा फ्री इंटरनेट देना उसके बाद ग्राहक से मनमाने पैसे वसूलना, रिलायंस का सस्ता फ़ोन आदि जैसे कई तरीको से अंबानी की कंपनी ने आम जनता को ठगा है। अपनी व्यावसायिक जीत और धन के संचय में, अंबानी अपने देश से लाभ कमाने का सोचते हैं, जो अब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है।

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2018 में, जब jio आया तब अंबानी ने तर्क दिया कि “Jio भारत में परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली चालक” है। जबकि जियो के माध्यम से रिलायंस ने ग्राहक बना कर महंगी दरों पर इंटरनेट और कॉलिंग सेवा दी है। एक आम नागरिक होने के नाते हमे ये समझना होगा कि एक बिजनेसमैन हर चीज़ में अपना धन लाभ सोचता है।

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