अगले साल पोर्टफोलियो विस्तार पर रहेगा टाटा, महिंद्रा का जोर
घरेलू वाहन विनिर्माता महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स हाल में अपने नए वाहनों को मिली कामयाबी से उत्साहित होकर वर्ष 2022 में अपना पोर्टफोलियो और मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही हैं।
दोनों ही भारतीय वाहन कंपनियां सेमीकंडक्टर की किल्लत से इस तरह निपटना चाहती हैं कि उनके वाहन उत्पादन पर इसका असर कम-से-कम पड़े।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक (ऑटो एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि वह स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल (एसयूवी) वर्ग में पहले नंबर की कंपनी बनना चाहते हैं और नए वाहनों को मिली कामयाबी इसका संकेत भी दे रही है।
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ महीनों में हमारे तमाम उत्पादों को सफलता मिली है। नये थार, एक्सयूवी 300, बोलेरो न्यू के साथ ही एक्सयूवी 700 को मिली अप्रत्याशित सफलता ने यह दिखा दिया है कि हम एसयूवी वर्ग में पहले स्थान पर पहुंचने की राह पर अग्रसर हैं।”
जेजुरिकर ने कहा कि कंपनी वर्ष 2027 तक 13 नए उत्पाद लाने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। इसमें अगला वाहन स्कॉर्पियो का नया मॉडल होगा और नए साल में पहली तवज्जो इसी पर होगी।
उन्होंने कहा, “मौजूदा संकेत सकारात्मक हैं लेकिन अगले साल यात्री वाहन उद्योग को जिंसों की कीमतों में वृद्धि, ढुलाई लागत बढ़ने और आपूर्ति संबंधी बाधाओं से भी निपटना होगा।”
हाल के महीनों में सेमीकंडक्टर चिप की आपूर्ति में थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन अब भी यह मांग से काफी कम है। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन कारोबार) शैलेश चंद्रा कहते हैं, “हम हालात पर करीबी निगाह रखे हुए हैं और अल्पकाल में इससे निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स आपूर्ति बाधाओं से निपटने के लिए बहुआयामी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, “हम उपभोक्ताओं के अनुभव को डिजिटल तरीके से बदलने के लि भविष्योन्मुखी कदम उठा रहे हैं। इससे वाहन कारोबार में हमारी बढ़त भी मजबूत होगी।”
टाटा मोटर्स ने वर्ष 2021 में डार्क रेंज, टियागो एनआरजी और सफारी जैसे वाहन उतारकर पोर्टफोलियो में बढ़ोतरी की लेकिन छोटी एसयूवी वर्ग में पेश नए वाहन पंच को ग्राहकों की काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन कारोबार में भी टाटा मोटर्स की बिक्री तेज हुई है।
चंद्रा ने कहा, “इस वित्त वर्ष में हमारी बाजार हिस्सेदारी 7.1 प्रतिशत से बढ़कर 11 प्रतिशत हो चुकी है। हमारा जोर इस पर रहा है कि ग्राहकों को हम अपने साथ जोड़कर रखें।”