एक तरफ अदानी अम्बानी जैसे दोस्तों का कर्ज़ माफ़ किया जा रहा है दूसरी तरफ सरकार खुद 8.48 लाख करोड़ का लोन लेने की बात कर रही है,आखिर क्या राज़ है इस दोस्ताना का
जनता पर महंगाई की मार और अदानी अम्बानी से प्यार, कुछ ऐसा ही हाल सरकार का है। आज ही वित्त मंत्रालय के हवाले से खबर आई है कि सरकार कुछ महीने में बाजार से पैसे उधार लेने जा रहीं है।
अच्छे दिन का नारा लगाने वाली मोदी सरकार का दो तरफ़ा रवईया जनता के सामने आ रहा है। जनता पर महंगाई की मार और अदानी अम्बानी से प्यार, कुछ ऐसा ही हाल सरकार का है। आज ही वित्त मंत्रालय के हवाले से खबर आई है कि सरकार कुछ महीने में बाजार से पैसे उधार लेने जा रहीं है। पैसो की तंगी के कारण उधार लेने वाली केंद्र सरकार अपने करीबियों का कर्ज़ा माफ़ कर रहीं है। जी हाँ, सरकार के अधीन आने वाला SBI बैंक अदानी ग्रुप का 12770 करोड़ का क़र्ज़ माफ़ करने जा रहीं है।
मोदी सरकार की कृपा से SBI बैंक ने अदानी ग्रुप का 12770 करोड़ का क़र्ज़ माफ़ किया
मशहूर अदानी ग्रुप ने नवी मुंबई हवाई अड्डे के फाइनेंसिंग का समापन किया क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता भारतीय स्टेट (SBI) बैंक ने परियोजना के लिए 12,770 करोड़ रुपये की संपूर्ण कर्ज आवश्यकता को कम कर दिया है।
मंगलवार शाम को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि “नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट, अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की एक सहायक कंपनी हैं। इन्होने भारतीय स्टेट बैंक के साथ वित्तीय दस्तावेजों के अमल में लाने के साथ, नवी मुंबई, महाराष्ट्र में ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की परियोजना के लिए वित्तीय समापन हासिल कर लिया है।”
अदानी ग्रुप ने पिछले जुलाई में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अधिग्रहण के बाद नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा परियोजना का अधिग्रहण किया था, जिससे यह सबसे बड़ी हवाईअड्डा आधारभूत संरचना कंपनी बन गई थी। इसमें सभी यात्री के यातायात का 25% और हवाई कार्गो का 33% हिस्सा था।
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के निदेशक जीत अदानी ने कहा कि“हमारा लक्ष्य भारत के सबसे बड़े शहरों को हब-एंड-स्पोक मॉडल में आसपास के अन्य शहरों और कस्बों के साथ जोड़ना है। भविष्य में हवाईअड्डों की केंद्रीय भूमिका को देखते हुए, हम एक आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने का इरादा रखते हैं जिसमें हवाई अड्डे और हवाईअड्डे के उपयोगकर्ता मुख्य बिंदु है। SBI की इस सुविधा के साथ, हम मुंबई को एक और ऐतिहासिक उपयोगिता प्रदान करने के एक कदम आगे बढ़ गए हैं।”
अदानी ग्रुप का कर्ज़ माफ़ करने वाली सरकार 2022-23 के पहले छह महीने में 8.45 लाख करोड़ रुपये लेगी उधार
भारतीय वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार 2022-23 के पहले छह महीने में उधार लेकर 8.45 लाख करोड़ रुपये जुटाना चाहती है ताकि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए राजस्व अंतर को पूरा किया जा सके। दरअसल एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित 14.31 लाख करोड़ रुपये के सकल बाजार उधार में से 8.45 लाख करोड़ रुपये पहली छमाही (एच 1) में उधार लेने की योजना है।
बजट दस्तावेज के अनुसार, 2022-23 के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों (dated securities) के माध्यम से सकल बाजार उधार 14,95,000 करोड़ रुपये है। 28 जनवरी, 2022 को किए गए स्विच ऑपरेशंस को ध्यान में रखते हुए, 2022-23 के लिए दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से सकल बाजार उधार 14,31,352 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
दस्तावेज के मुताबिक यह उधार 32,000-33,000 करोड़ रुपये के 26 साप्ताहिक चरणों में पूरा हो जायेगा। इसमें आगे कहा गया है कि उधार 2, 5, 7, 10, 14, 30 और 40 साल की प्रतिभूतियों और विभिन्न अवधि के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड के तहत बाटा जाएगा।
अदानी अम्बानी का क़र्ज़ माफ़ करने वाली सरकार खुद करोड़ों का लोन लेने वाली है, आखिर इस दोस्ती को क्या नाम दे?
किसी के लिए भी ये सोचने वाली बात है कि अगर सरकार के पास खुद पैसा नहीं है, और वह खुद मरी हुई अर्थव्यवथा को जीवित करने के लिए कर्जा ले रहीं है, तो ऐसे में अपने ख़ास दोस्तों का कर्जा माफ़ क्यों कर रहीं है? सबसे महत्वपूर्ण सवाल अदानी ग्रुप के लोन को सरकारी बैंक SBI ने माफ़ क्यों किया?
यदि सरकार को अदानी-अम्बानी पर पैसे छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता तो जनता से भी भारी टैक्स क्यों लिया जा रहा है? मोदी सरकार GST टैक्स, टोल टैक्स क्यों लेती है? आये दिन पेट्रोल-डीजल का दाम, गैस के दाम, फल-सब्जी के दाम क्यों बढ़ा रहीं है? क्या हम आम जनता पर भी ये सरकार रहम दिखाएगी? या पूरा पैसा और प्यार अपने करीबी दोस्तों के लिए ही है।