भारत ने कोविड पैकेज पर विचार के लिये डब्ल्यूटीओ की आपात बैठक बुलाने की मांग की
भारत ने कोविड पैकेज पर विचार के लिये डब्ल्यूटीओ की आपात बैठक बुलाने की मांग की
भारत ने दुनिया के विभिन्न देशें में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के प्रस्तावित पैकेज पर विचार के लिए इसी महीने जिनेवा में डब्ल्यूटीओ की आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। इस पैकेज में पेटेंट से छूट का प्रस्ताव भी शामिल है।
डब्ल्यूटीओ की आम परिषद संगठन का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। संगठन के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने को लेकर इसकी बैठक नियमित तौर पर होती रहती है। इसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधि (राजदूत या उसके समकक्ष) होते हैं और इसके पास दो साल पर होने वाले मंत्री स्तरीय सम्मेलन की तरफ से काम करने का अधिकार है।
भारत ने महामारी से निपटने में मदद के लिये बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित व्यापार पहलुओं (ट्रिप्स) पर कोई प्रगति नहीं होने को लेकर नाखुशी जताते हुए इस प्रस्ताव को डब्ल्यूटीओ के प्रस्तावित पैकेज में शामिल करने का आह्वान किया है।
भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर, 2020 में पहला प्रस्ताव देते हुए कहा था कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम और इलाज में मदद को लेकर सभी डब्ल्यूटीओ सदस्यों को ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के क्रियान्वयन से छूट मिलनी चाहिए।
इस साल मई में संशोधित प्रस्ताव दिया गया। बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार पहलुओं पर करार जनवरी, 1995 में लागू हुआ था। यह बौद्धिक संपदा अधिकार कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार से संबंधित गोपनीय सूचना के संरक्षण से संबंधित बहुपक्षीय समझौता है।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर पेटेंट में छूट समेत डब्ल्यूटीओ के पैकेज पर विचार को लेकर आम परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। डब्ल्यूटीओ यह बैठक 10 जनवरी से शुरू कर सकता है। हमने तुरंत बैठक बुलाने का सुझाव दिया है।’’