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भारतीयों को IAS टीना डाबी के होने वाले पति की उम्र की ज्यादा चिंता है, देश में बढ़ रही महंगाई की नहीं

अपनी पर्सनल जिंदगी को लेकर चर्चा में रहीं 2016 बैच की आईएएस टॉपर टीना डाबी (Tina Dabi) ने आईएएस अधिकारी प्रदीप गवांडे (IAS Pradeep Gawande) को जीवनसाथी चुना है।

ट्विटर पर आज पूरे दिन #TinaDabi ट्रेंड कर रहा था। उनके ट्रेंड करने की वजह उनकी दूसरी शादी के फैसले की खबर थी। दरअसल अपनी पर्सनल जिंदगी को लेकर चर्चा में रहीं 2016 बैच की आईएएस टॉपर टीना डाबी (Tina Dabi) ने आईएएस अधिकारी प्रदीप गवांडे (IAS Pradeep Gawande) को जीवनसाथी चुना है। उन्होंने यह खबर खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की थी। उनकी पोस्ट के बाद बधाइयों के बीच कुछ ऐसी भी टिप्पणियां सामने आई जो मर्यादा लांगने वाली थी।

जैसे ही डाबी और गवांडे ने अपने रिश्ते की जानकारी सोशल मीडिया अकाउंट पर दी लोगों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर एक तबका ऐसा था जो उन्हें बधाई दे रहा था तो वही दूसरा तबका उन्हें जज करने में व्यस्त था। लोग अपने हिसाब से उन्हें ट्रोल करने लगे। कुछ तो उनकी पिछली शादी से जोड़कर इसे ‘हिंदू-मुस्लिम’ भी करने से बाज नहीं आए।

IAS Officer Tina Dabi Marriage | Who Is Rajasthan IAS Pradeep Gawande? UPSC  Topper Tina Dabi Marriage News | टीना 13 साल बड़े IAS से दूसरी शादी करेंगी,  पिछले साल अतहर आमिर

2018 में टीना डाबी ने अपने बैचमेट आईएएस अधिकारी अतहर खान से शादी की थी। यह रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चल पाया और दो साल बाद यानी 2020 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया था। तलाक के दो साल बाद टीना को एकबार फिर प्यार हुआ है और वह प्रदीप गवांडे से शादी करने वाली हैं। टीना के इस फैसले पर कुछ लोग उनके पहले पति अतहर और गवांडे के लुक को लेकर कमेंट कर रहे हैं।

अपने से 13 साल बड़े IAS प्रदीप गवांडे से शादी को लेकर क्यों हो रही है टीना डाबी ट्रोल?

टीना डाबी कि उम्र 28 वर्ष है और उनके होने वाले पति की उम्र उनसे 13 साल ज्यादा है। बस यही बात कुछ लोगों को हज़म नहीं हो रही और वो उन्हें ट्रोल कर रहे है। दरअसल टीना डाबी के होने वाले पति प्रदीप गवांडे 2013 बैच के राजस्थान कैडर आईएएस अफसर हैं। यह महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और चुरू जिले के कलेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं। आपको बता दे कि UPSC की परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने MBBS किया और डॉक्टर भी रह चुके है। उसके बाद वह यूपीएससी क्लीयर करके आईएएस अफसर बने। वर्तमान में प्रदीप गवांडे राजस्थान पुरातत्व और संग्रहालय के निदेशक पद पर कार्यरत हैं। यह टीना की दूसरी शादी और प्रदीप गवांडे की पहली शादी है।

इस तरह सोशल मीडिया पर लोग कर रहे है टीना डाबी को ट्रोल

 

क्या देश की महंगाई से ज्यादा ज़रूरी विषय टीना डाबी की शादी है?

ब्लूमबर्ग और मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत के साथ दुनिया भर के उपभोक्ता महंगाई से परेशान हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जंग की वजह से कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने इसे और बिगाड़ दिया है। एक तरफ महंगाई तेजी से बढ़ रही है, जिससे उपभोक्ताओं को खर्च में कटौती करनी पड़ रही है। वहीं महंगाई के मुकाबले कम वेतन ने समस्या को और बढ़ा दिया है। इसे देखते हुए वैश्विक वित्तीय संस्थाएं भारत समेत अन्य अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि अनुमान घटा रही हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक़ 20 साल में सबसे कम बढ़ा लोगों का वेतन

रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के अंत में अमेरिकी लोगों की औसत वेतन वृद्धि 4.5 प्रतिशत रही है, जो पिछले 20 वर्षों में सबसे कम वेतन वृद्धि है। जबकि महंगाई इससे करीब दो गुना अधिक है। आंकड़ों के अनुसार वेतन वृद्धि में कमी के बीच आवास की लागत, जो सरकार के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का लगभग एक तिहाई है, तेजी से बढ़ी है। इससे उपभोक्ता बेहाल है। यही नहीं भारत में चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई के छह फीसदी से अधिक रहने की आशंका जताई गई है जो रिजर्व बैंक की अनुमानित उच्चतम सीमा है।

बढ़ती महंगाई, क्या हैं वजह और क्या होगा असर - BBC News हिंदी

आर्थिक वृद्धि दर में भी हो रही है कठौती

भारत सरकार के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 8.9 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मॉर्गन स्टेनली ने नए वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समेत दिग्गज संस्थाओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था का अनुमान घटा दिया है।

देश की ऐसी भयावह स्थिति को देखते हुए भी जनता अन्य मुद्दों पर गौर कर रहीं है। कई लोगों के लिए टीना डाबी की शादी ट्रोल करने का विषय है, लेकिन महंगाई को लेकर सरकार से जवाब मांगने का वक़्त नहीं है। हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर झगड़ा करने का समय है, लेकिन एकता दिखाकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में बदलाव लाने का समय नहीं है। शायद हमारी इसी मानसिकता का फायदा मीडिया उठा रहीं है। अधिकतर जनता को काम की खबरों से मतलब नहीं है बल्कि गॉसिप करने से मतलब हैं। अगर आप अपनी ज़िन्दगी बेहतर चाहते हैं तो होश में आना होगा।

 

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