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भारत में बढ़ी बिजली खपत, 13.6 से बढ़कर 132.98 बिलियन यूनिट हो गई।

भारत में बिजली की सर्वाधिक मांग पूरी हुई है, जो इस साल अप्रैल के दौरान एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति है, जो अब तक के उच्चतम 207.11 गीगावाट पर रही है।

बिजली मंत्रालय ने आंकड़े जारी किए हैं जिसके मुताबिक, देश में बिजली की खपत साल-दर-साल 13.6 फीसदी बढ़कर 132.98 अरब यूनिट (बीयू) हो गई, जो गर्मियों की शुरुआत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी का असर दिखाई हुई देती है। पिछले साल अप्रैल में बिजली की खपत 117.08 बीयू दर्ज की गई थी, जो कि 2020 के इसी महीने में 84.55 बीयू से अधिक थी।

दूसरी ओर, इस साल अप्रैल के दौरान बिजली की मांग काफी थी,जो पूरी की हुई, जो एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति है, 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर रही। अप्रैल 2021 में चरम बिजली आपूर्ति 182.37 GW और अप्रैल 2020 में 132.73 GW थी।

घातक कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन  लगाने के कारण अप्रैल 2020 में भी बिजली की खपत और मांग प्रभावित हुई थी। अप्रैल 2019 (महामारी पूर्व अवधि) में बिजली की खपत 110.11 अरब यूनिट थी।विशेषज्ञों का विचार है कि बिजली की खपत और मांग में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है, वहीं मुख्य रूप से गर्मियों की शुरुआत के कारण और यह दर्शाता है कि अधिक आर्थिक गतिविधियां देश में बिजली की वाणिज्यिक और औद्योगिक आवश्यकताओं को बढ़ा रही हैं।

वहीं ओवरऑल बिजली खपत की बात की जाए, तो गांव हो या शहरच जगह बिजली की खपत हो रही वहीं 2020 से लेकर  2021 की बात की जाएं तो लोग घरों के अंदर बंद थे, क्योकि कोरोना महामारी के कारण देश बंद था। लोगों के पास एक ही विकल्प बै चा था, वो है घर बैठना। एक तरीके से आप यूं भी कह सकते है  कि कोरोनाकाल में बिजली की खपत ज्यादा थी…

जनवरी में देश में महामारी की तीसरी लहर आई, जिसने कई राज्यों को रात और सप्ताहांत के कर्फ्यू जैसे स्थानीय प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने बार और रेस्तरां में भोजन पर प्रतिबंध लगाने जैसे उपाय भी किए थे। राज्यों द्वारा इन प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी गई।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में बिजली की मांग और खपत में जबरदस्त वृद्धि होगी क्योंकि राज्यों ने सकारात्मकता दर में गिरावट के बाद लगभग सभी स्थानीय प्रतिबंधों को हटा लिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में गर्मी के लंबे समय के कारण, लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील के बाद औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ, बिजली की खपत में वृद्धि होगी। 

गर्मी में लोग बिजली की खपत बढ़ना आम बात है,कोई बडी बात नही है।

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