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ट्विन टॉवर को ढहाने से बिल्डरों, प्राधिकरण का अहंकार भी ध्वस्त हुआ: एफपीसीई

ट्विन टॉवर को ढहाने से बिल्डरों, प्राधिकरण का अहंकार भी ध्वस्त हुआ: एफपीसीई


घर खरीदारों की संस्था फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव अफर्ट्स (एफपीसीई) ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टॉवर गिराए जाने की कार्रवाई को फ्लैट मालिकों के लिए एक बड़ी जीत बताया और कहा कि इस कदम से बिल्डरों और विकास प्राधिकरणों का अहंकार भी ध्वस्त हुआ है।

ट्विन टॉवर को ढहाने से बिल्डरों, प्राधिकरण का अहंकार भी ध्वस्त हुआ: एफपीसीई

एफपीसीई ने कहा कि इस मामले में विकास प्राधिकरणों की जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए।

करीब 100 मीटर ऊंचे ट्विन टॉवर एपेक्स और सियान को ढहाने का आदेश उच्चतम न्यायालय ने पिछले वर्ष अगस्त में दिया था। इन दो टावर में 900 से अधिक फ्लैट थे।

ट्विन टॉवर को ढहाने से बिल्डरों, प्राधिकरण का अहंकार भी ध्वस्त हुआ: एफपीसीई

एफपीसीई के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब ये टावर गिरे तो मेरी पहली प्रतिक्रिया यह थी कि यह केवल इमारत का गिरना नहीं है बल्कि बिल्डरों और प्राधिकरणों के अहंकार और उनकी इस सोच का ढहना है कि वे जो चाहे कर सकते हैं।’’

ट्विन टॉवर को ढहाने से बिल्डरों, प्राधिकरण का अहंकार भी ध्वस्त हुआ: एफपीसीई

उपाध्याय ने इस कार्रवाई को फ्लैट खरीदारों की बड़ी जीत बताया। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने प्राधिकरण के जो लोग इसमें शामिल थे उनकी पहचान और उनकी जिम्मेदारी तय नहीं की, उन लोगों की भी नहीं जो बिल्डरों के कहने पर उन्हें प्रभावित कर रहे थे।’’

ट्विन टॉवर को ढहाने से बिल्डरों, प्राधिकरण का अहंकार भी ध्वस्त हुआ: एफपीसीई

एफपीसीई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह बेहतर होता अगर न्यायालय ने ऐसा किया होता या फिर सीबीआई जांच का आदेश दिया होता जिससे कि इसमें शामिल लोगों को सामने लाया जा सके। विभागीय जांच में तो लोगों को बचाया जा सकता है।’’

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