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एसबीआई कार्ड टोकन व्यवस्था के लिये पूरी तरह तैयार: कंपनी प्रमुख

एसबीआई कार्ड टोकन व्यवस्था के लिये पूरी तरह तैयार: कंपनी प्रमुख


क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी एसबीआई कार्ड एंड पेमेंट सर्विसेज ने टोकन व्यवस्था अपनाने के लिए जमीनी स्तर पर तैयारी पूरी कर ली है। अक्टूबर में जारी होने वाली इस व्यवस्था का मकसद लोगों को धोखाधड़ी से बचाना और आंकड़ों की चोरी को रोकना है।

टोकन व्यवस्था के तहत कार्ड के वास्तविक ब्योरे की जगह कूट संख्या यानी टोकन नंबर का उपयोग किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक की यह व्यवस्था लेन-देन के लिहाज से सुरक्षित मानी जाती है क्योंकि इसमें लेन-देन के समय कार्ड का वास्तविक ब्योरा व्यापारियों के साथ साझा नहीं किया जाता।

एसबीआई कार्ड टोकन व्यवस्था के लिये पूरी तरह तैयार: कंपनी प्रमुख

एसबीआई कार्ड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राम मोहन राव अमारा ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस मामले में जहां तक तैयारी का सवाल है, प्रौद्योगिकी के लिहाज से, सभी नेटवर्क के साथ एकीकरण के मामले में, हम वीजा, मास्टरकार्ड और रुपे जैसे सभी नेटवर्क के साथ तैयार हैं।’’ कार्ड टोकन व्यवस्था के बारे में अमारा ने कहा, ‘‘यह ग्राहकों के हितों की रक्षा तथा आंकड़ों को सुरक्षित रखने के लिहाज से अच्छी पहल है।’’

एसबीआई कार्ड टोकन व्यवस्था के लिये पूरी तरह तैयार: कंपनी प्रमुख

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने टोकन व्यवस्था अपनाने की समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर तीस सितंबर कर दी। विभिन्न पक्षों से मिले प्रतिवेदनों पर गौर करने के बाद आरबीआई ने यह कदम उठाया। इससे पहले, इसकी समयसीमा 30 जून थी।

अमारा ने कहा, ‘‘… बड़े व्यापारियों के स्तर पर खर्च का एक बड़ा हिस्सा होता है, उन्हें पहले ही टोकन दिया जा चुका है। छोटे व्यापारियों के मामले में प्रक्रिया जारी है।’’

एसबीआई कार्ड टोकन व्यवस्था के लिये पूरी तरह तैयार: कंपनी प्रमुख

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई प्रवर्तित एसबीआई कार्ड ने एक नया क्रेडिट कार्ड जारी करने की भी घोषणा की है। इसमें विशेष रूप से कैशबैक पर गौर किया गया है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘उपभोक्ताओं में एक नई प्रवृत्ति है…वे तत्काल ‘कैशबैक’ की मांग करते हैं। इस रुख को देखते हुए हम यह क्रेडिट कार्ड जारी कर रहे हैं। यह उद्योग में अपनी तरह का पहला कार्ड है…।’’

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ग्राहकों के खर्च की प्रवृत्ति के बारे में अमारा ने कहा कि पिछले पांच महीने के जो आंकड़े हैं, वे काफी मजबूत हैं। जुलाई में यह 1,000 अरब रुपये को पार कर गया जो उद्योग का अब एक नया चलन बन गया है।

उन्होंने कहा कि इसका कारण सोच-विचार कर किये जाने वाले खर्च का बढ़ना है। यह खासकर उन क्षेत्रों में बढ़ा है, जहां पहले नरमी थी। घरेलू यात्रा और होटल कोविड- पूर्व स्तर पर पहुंच गये हैं।

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