ओएनजीसी विदेश ने रूस की सखालिन-1 में 20 फीसदी हिस्सेदारी फिर लेने की प्रक्रिया शुरू की
ओएनजीसी विदेश ने रूस की सखालिन-1 में 20 फीसदी हिस्सेदारी फिर लेने की प्रक्रिया शुरू की
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी की विदेशी शाखा ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) ने सुदूर पूर्व में रूस की सखालिन-1 तेल और गैस परियोजना में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी फिर से लेने की पेशकश की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में सखालिन-1 के परिचालक के रूप में अमेरिकी कंपनी एक्सॉनमोबिल की क्षेत्रीय सहायक इकाई – एक्सॉन नेफ्टेगाज को भंग कर दिया और परियोजना तथा इसकी सभी संपत्तियों को एक नए परिचालक को स्थानांतरित कर दिया था।
परियोजना के अन्य पूर्व विदेशी शेयरधारकों को अपनी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए रूसी सरकार के पास आवेदन करना होगा। इन हिस्सेदारों में ओवीएल भी शामिल है।
मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने बताया कि ओवीएल परियोजना में अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया में है।
एक सूत्र ने कहा, ‘हम हिस्सेदारी बरकरार रखना चाहते हैं और स्थानीय कानून के मुताबिक हम वह सब करेंगे, जो हमें करने की जरूरत है।’
एक अन्य सूत्र ने कहा कि सखालिन-1 ओवीएल के लिए काफी फायदेमंद है और इस परियोजना के बिना कंपनी घाटे में चल रही इकाई होगी।
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद एक्सॉन मोबिल कॉर्प ने परियोजना से बाहर निकलने का फैसला किया था। एक्सॉन मोबिल की सखालिन-1 तेल क्षेत्र में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जबकि ओवीएल के पास 20 प्रतिशत हिस्सा था। इस तेल क्षेत्र से वर्ष 2021 में औसतन 2.27 लाख बैरल तेल का प्रतिदिन उत्पादन हुआ था।
ओवीएल वर्ष 2001 में इस परियोजना का हिस्सा बनी थी। एक्सॉन मोबिल ने वर्ष 2005 में यहां से तेल उत्पादन शुरू किया था।