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जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर चीन को जवाबदेह बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव

जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर चीन को जवाबदेह बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव

 

विभिन्न देशों के राजनयिकों एवं मानवाधिकार समर्थकों ने चीन को लेकर ‘‘मानवता के खिलाफ अपराधों’’ संबंधी रिपोर्ट के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र से उसके खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था को भविष्य में इस बात को लेकर आंका जाएगा कि वह जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर चीन पर लगे आरोपों के मामले से किस प्रकार निपटती है।

जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर चीन को जवाबदेह बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव

मानवाधिकार समर्थक संस्थाएं एवं पत्रकार कई वर्षों से शिनजियांग में उइगर और अन्य मुस्लिम जातीय समूहों के उत्पीड़न का आरोप लगाते रहे हैं। चीन पर शिनजियांग में इन समूहों पर अत्याचार करने, उनका यौन उत्पीड़न करने और उन्हें वहां से जाने के लिए मजबूर करने का आरोप है। संयुक्त रष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट ने इन आरोपों को और बल दे दिया है।

अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फर्नांड डी वेरेन्स ने ‘अटलांटिक काउंसिल एंड ह्यूमन राइट्स वॉच’ द्वारा प्रायोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अब निष्क्रिय बने रहना संभव नहीं है। यदि हम बिना सजा दिए किसी को जाने देंगे, तो इससे क्या संदेश जाएगा?’’

जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर चीन को जवाबदेह बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के उपराजदूत जेफ्री प्रोस्कॉट ने कहा, ‘‘इन अत्याचारों को लेकर क्या प्रतिक्रिया दी जाती है, उससे हमारी अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह देखकर बहुत दुख होता है कि आधुनिक संयुक्त राष्ट्र प्रणाली बनाने में इतनी अहम भूमिका निभाने वाले देश और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी दर्जा रखने वाला देश अपनी प्रतिबद्धताओं का इतना गंभीर उल्लंघन कर रहा है।’’

जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर चीन को जवाबदेह बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की पूर्व उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट के कार्यकाल के आखिरी दिन के अंति क्षणों में चीन द्वारा कथित उत्पीड़न की रिपोर्ट जारी की गई थी। ऐसा माना जाता है कि इस रिपोर्ट को लंबे समय तक टाला गया। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी बहु-प्रतीक्षित रिपोर्ट में कहा है कि चीन के शिनजियांग में उइगर समुदाय के लोगों तथा अन्य को जबरन नजरबंद रखना मानवता के खिलाफ अपराध के दायरे में आ सकता है।

जातीय अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर चीन को जवाबदेह बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र पर दबाव

चीन ने संयुक्त राष्ट्र (संरा) मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट जारी होने पर हैरानी एवं नाराजगी जतायी है। चीन ने रिपोर्ट को अवैध और अमान्य करार देते हुए कहा कि अमेरिका ने उसे रोकने के लिए यह रिपोर्ट गढ़ी है।

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